रविवार, 24 दिसंबर 2017

होती थी सुबह

पिता के जागने के बाद
होती थी सुबह ।
चिड़ियाएं चहकती थी ,
सूरज निकलता था ।
अब चिड़ियाएं नहीं चहकती
किन्तु सूरज निकलता है ।
ढूंढता है
पिता को कि दिख जाएं
एकबार ।
किन्तु सुबह से रात हो जाती है .....

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