सोमवार, 25 दिसंबर 2017

अटूट विश्वास

जो जो मिला 
सब ईश्वर को समर्पित करते हुए
वो चले।
उनके इस अटूट विश्वास का 
प्रतिफल ये निकला कि
हमें लगा
वे रोग से लड़ रहे हैं ।
हम चिकित्सको के भरोसे
इस आस के साथ कि
लौट आएंगे वे पूर्ववत ।
अज्ञान थे इस बात से कि
ईश्वर सुनता उनकी है
और हम चिकित्सकों की सुनते रहे ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें