सोमवार, 18 दिसंबर 2017

​सूरज ने खो दी है अपनी सुबह

सूरज रोज ही उदय होता है
किन्तु अब सुबह नहीं होती।
सुबह होती थी
जै जै , जय सियाराम 
और उनके चरण स्पर्श से।
जीते रहो के आशीर्वाद से
और मुस्कुराते हुए उस चहरे से
जो कहता था
उठ गए.... बेटा।
​सूरज ने खो दी है अपनी सुबह । 

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