मंगलवार, 23 जनवरी 2018

किन्तु होता है

छोड़ देना
सबसे सही निर्णय होता है
और जो निर्णय होता है उसमे बंध जाना
कि मैंने छोड़ा
उस छोड़ देने को फिर से पकड़ना होता है ।
फिर से पकड़ना मत
क्योंकि इसमें ज्यादा गोंद लगा होता है
चिपक जाता है मोह की तरह।
छोड़ देना ,
खाली हो जाना
खाली होना भी आकाश होना है
आकाश बन जाना है
चाहे कोई उसे चीरते हुए रॉकेट भेजे
या अपनी पतंगे उड़ाए
उसने तो त्यागा है
धरती का लालच
और अपने ऊपर रचा वो सारा सौरमंडलीय आकर्षण
जिसमे चाँद-सूरज सारे ग्रह -नक्षत्र वास करते हैं।
सबकुछ हुआ करे , पर वो तो है
निस्संग , बेरंग।
दरअसल
कठिन होता है
फक्खड़पना लिए जीना
किन्तु होता है।

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