पिता के जाने के बाद
गुरुवार, 25 जनवरी 2018
वीतराग
यूं तो सब है
सब कुछ है
किन्तु कुछ भी नहीं है ।
'कुछ भी नहीं' भी एक होना है
इस होने में कुछ है
जो न राग है , न वैराग्य है
सिर्फ वीतराग है।
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