शनिवार, 17 मार्च 2018

ब्लैक होल

सिर्फ ब्रह्माण्ड में ही नहीं
धरती पर , जीवन में भी होता है ब्लैक होल
एक ऐसा अंधा कुआं जिसका गुरुत्व बल
खींच लेता है अपने अंदर।
मजे की बात ये कि
गरीबी का भी होता है गुरुत्व बल
परिवार के जंजालो का भी अपना एक गुरुत्व बल होता है
संबंधो - रिश्तो , अपनों का भी होता है
जो खींच लेता है आदमी को अपने अंदर
उसकी पूरी प्रतिभा के बावजूद,
उसके अपने किसी बेहतर सूरज होने के बावजूद।
कितना भी हाथ-पैर मार ले
नहीं निकल पाता इस ब्लैक होल से बाहर।
सच है कि
इसके आसपास आने मात्र से ही प्रकाश का पुंज भी हो अगर तो
धंस जाता है वो।
धीरे धीरे उसका पलायन वेग भी प्रकाश की गति से तेज होकर निगल जाता है सबकुछ।
कोई हाथ नहीं
कोई सहयोगी नहीं
जो खींच सके ऊपर आदमी को।

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